कविता - बंदिश -🌷 ' बूंद-बूंद पानी '
कविता - बंदिश -🌷 ' बूंद-बूंद पानी '
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख - १५ ऑगस्ट २०१९
वेळ - रात, ८ बजे
पीया-पीया बोले नदी की हर लहर
दूर से ताके सागर, होके हर्ष-विभोर || ध्रु ||
नाचती लहराती पानी की बूंद-बूंद,
मिलन की आस में आंख लिये मूंद ! || १ ||
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
Comments
Post a Comment