कविता 🌷 ' तलाश '


कविता - 🌷 ' तलाश '
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख - 10 जून 2019
समय - रात्री के १० बजे

स्नेह सकल हो, भाव अटल हो 
मन को साचे मन की तलाश हो

बिना कुछ बोले बिना कुछ सुने, 
पल में जो दिल का हाल पहचाने

वही मन का सच्चा मीत होवे,
बुलाने पर तो पराये भी आवे हैं 

पर बिन बुलाये बिन कुछ कहे,
सब कुछ जान, दौडा चला आये

एक नज़र में मनकी व्यथा जाने 
वही तो 'अपना सच्चा' मित है

ना झूठा बड़प्पन ना कोई दिखावा 
ना कोई दुनियादारी न कोई शिकवा 

लग़न हो सच्ची, मनका भाव हो प्यारा
मिलकर बन जाए हर सूर दुलारा

चाहें सख्त़ धूंप हो या ठंडी छांव
कभी आंच न आने दे, सहे सारे घाव 

आंधी आवे या आये कोई तुफांन  
साये जैसा साथ निभाना नहीं आसां

🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
 
  








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