कविता 🌷 " एहसास "
कविता 🌷 " एहसास " कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले सितारों से भरे हुए आस्मां में चांद-चांदनी पूनम के चांद के साथ-ही-साथ रात बीती… किसी आहट से सुबह जब आंख खुल गई, तो कुछ नम से मौसममें बात, यूं ही बन गई… दबे-दबे पांव से हल्की सी पवन बहती हुई हवाओं में ठंड, कुछ-कुछ-अलग, ठहरी सी… पेड़ों की रंगीन पत्तियों पे ओस के बड़े-बड़े, अनगिनत चमकीले सुंदर मोती, बिखरें हुए… जमीं पे फूल-पत्ते बिछे हुए रंगीन मखमली जैसे कुदरत ने मखमली चादर है ओढ़ी हुई… मौसम में कोहरेकी धुंध और दिलमें कसक हवाओंमें फूलों की है भीनी-भीनीसी महक… जैसे पहले-पहल प्रेम का हो रहा है इज़हार चहुं ओर मनभावन महकता हुआ हरसिंगार… दिल-ही-दिलमें यह क्या हुआ हैं, जादुई ख़ास… एक अद्भुत, खुबसूरत सा प्यार-भरा एहसास… 🌷@तिलोत्तमा विजय लेले 🙏🕉️🔆